यह 'One Hundred Years of Solitude' तथा 'Love In the Time Of Cholera' जैसे विश्व प्रसिद्ध उपन्यासों (जिनके हिंदी में भी एकाधिक अनुवाद उपलब्ध हैं) के नोबेल पुरस्कार प्राप्त लेखक गैब्रिएल गार्सिया मार्केज की लोकप्रियता ही कही जाएगी कि उनकी मौत के आठ साल बाद उनके विवाहेतर प्रेम सम्बंध से जन्मी एक कन्या (अब युवती) का पता लगाने वाली 'खोजी खबर' दुनिया भर के समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित हुई है। भारत के कई अंग्रेजी अखबारों ने भी इसे सुर्खियों में छापा है और यह रेखांकित करना नहीं भूले हैं मार्केज ने उस बेटी का नाम इंदिरा रखा क्योंकि वे इंदिरा गांधी से प्रभावित थे। 1982 में नोबेल पुरस्कार मिलने पर इंदिरा गांधी उन्हें बधाई देने वालों में सबसे पहले थीं, ऐसा भी खबर बता रही है।
जिस दुनिया में विवाहेतर प्रेम प्रसंग कोई चौंकाने या छुपाने वाली खबर न होती हो और जहां ऐसे विवाद आम तौर पर राजनैतिक नेताओं के सम्बंध में छेड़े जाते हों, वहां एक लेखक के इस सबंध को विवाद रहित सुर्खियांं बनाना उसकी लोकप्रियता ही कहा जाएगा।
यह खबर कोलम्बिया की पत्रकार गुस्टावो टैटिस ने 'ब्रेक' की है और दुनिया भर के कई नामी पत्रकारों ने उस आधार पर अपनी खबरें लिखी हैं। मार्केज कोलम्बिया के ही मूल निवासी थे।
खबर के अनुसार 1990 के दशक में जब मार्केज अपनी पत्नी मर्सेदेस बार्चा और दो बेटों के साथ सुखमय जीवन जी रहे थे, उसी दौर में लेखिका सुसानो काटो के साथ उनके प्रेम सम्बंध बने। उससे एक बेटी जन्मी जो अब मैक्सिको में इंदिरा काटो के नाम से डॉक्युमेण्ट्री फिल्में बनाती हैं। उस दौर में सुसानो मैक्सिको सिटी में रहते हुए फिल्मों की पटकथा लिखती थींं। मार्केज इस बेटी का खर्चे वहन करतेे थे।
इस समाचार में विस्तार से ये कयास भी लगाए गए हैं कि क्या मार्केज की पत्नी को उनके प्रेम सम्बंध और एक बेटी होने का पता था, कि क्या मार्केज के बेटे आज भी यह बात जानते हैं, और जानते हैं तो क्या उनका अपनी इस बहन से सम्पर्क है, वगैरह। मार्केज की भतीजियों ने बताया है कि वे इंदिरा के सम्पर्क में हैं। उन्होंने कहा कि हमें इंदिरा के बारे में पहले से पता था लेकिन हमारे मां-बाप ने कहा था कि चुप्पी ही बेहतर है। मार्केज के कुछ परिवारीजनों ने पत्रकार को बताया कि उन्होंने इस खबर को उनके प्रति 'सम्मान के मारे' छुपाए रखा था हालांकि उन्हें सम्भवत: इसकी भनक थी।
मार्केज का 2014 में और उनकी पत्नी मर्सेदेस का 2020 में निधन हो गया था। मार्केज के निधन पर उनको श्रद्धांजलि देने के लिए मैक्सिको सिटी की सड़कों पर प्रशंसकों लम्बी-लम्बी लाइनें लग गईं थीं। ऐसी लोकप्रियता हाल के वर्षों में शायद ही किसी लेखक को मिली हो। यही कारण है कि उनके प्रेम सम्बंध की खबर आज भी अत्यंत पठनीय मानकर प्रमुखता से प्रकाशित की गई है।
- न जो, 20 जनवरी, 2022