Saturday, September 23, 2023

गलते ग्लेशियरों में पुरातात्विक खोजें

हमारी धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। वर्तमान में पृथ्वी की सतह का जो औसत तापमान है, वह बीसवीं सदी में इस सतह

के औसत तापमान से 1.25 डिग्री सेल्सियस अधिक है। अगस्त 2023 का महीना अब तक का सबसे गर्म अगस्त मास पाया गया है। तापमान लगातार बढ़ते जाने से दुनिया भर की बर्फीली चोटियाँ और हिमगल (ग्लेशियर) पिघल रहे हैं। पर्यावरण के लिए यह खतरनाक है लेकिन इसका एक दूसरा पक्ष भी है। विश्व के कई हिमशिखरों और गलों के पिघलने के कारण हजारों-लाखों वर्षों से बर्फ में ढकी-छुपी ऐसी वस्तुएँ मिल रही हैं जिनसे मानव-विकास और प्राचीन सभ्यताओं के बारे में नई जानकारियाँ मिल सकती हैं। पुरातत्वविदों के लिए अध्ययन के नए क्षेत्र विकसित हो रहे हैं।

एस्पेन फिनस्टाड नाम का हिम-पुरातत्वविद हाल ही में जब नॉर्वे के जोटुनहाइमन पर्वत पर बर्फ पिघलने से बनी गाद का अध्ययन कर रहा था तो उसे लकड़ी का एक बड़ा तीर मिला जिसका नुकीला सिरा क्वार्ट्ज़ (खुरदरी सख्त चट्टान का हिस्सा) का बना हुआ है। प्रारम्भिक अध्ययन में इसे तीन हज़ार साल पुराना बताया गया है। इसकी सही उम्र पता करने के लिए अभी कार्बन डेटिंग की जानी है। 

यह विशाल तीर बर्फ में इतनी अच्छी तरह सुरक्षित था जैसे किसी से हाल ही में खोया हो। बर्फ गलने से यह सतह पर निकल आया और फिनस्टाड के हाथ लग गया। वे कहते हैं कि दुनिया भर के पहाड़ों पर बर्फ गलने से ऐसी कई ऐतिहासिक-प्रागैतिहासिक वस्तुएँ निकल रही हैं जिनकी तलाश और अध्ययन के लिए हिम-पुरातत्वविद कम पड़ रहे हैं। अगर इन प्राचीन वस्तुओं को यथाशीघ्र सम्भाला नहीं गया तो खुले में वे नष्ट हो सकती हैं और हमारे हाथ से प्राचीन सम्भताओं के अध्ययन के बेहतर अवसर निकल सकते हैं।

फिनस्टाड और उनके साथी पुरातत्वविदों का मानना है कि यह तीर पाषाण काल या पूर्व ताम्र युग के किसी शिकारी का होगा जो  रेनडियर (हिरन की एक प्रजाति) का शिकार करने निकला होगा। हाल के वर्षों में ग्लेशियरों के गलने से बनी गाद में पुराकालीन ऐसे कई सामान हजारों की संख्या में मिले हैं। पश्चिमी अमेरिका,  किलिमांजरो (तंज़ानिया), डोलोमाइट (इटली) और हिमालय के शिखरों तक ग्लेशियर गल रहे हैं और उनके नीचे से अद्भुत चीजें निकल रही हैं। पुरातत्वविदों की चुनौती यह है कि इन प्राचीन वस्तुओं को बर्फ से निकलते ही सुरक्षित करना होता है अन्यथा देर तक बाहरी वातावरण के असर से उनके क्षतिग्रस्त अथवा नष्ट होने का खतरा होता है। 

फिनस्टाड के अध्ययन दल को अब तक चार हज़ार से अधिक ऐसी वस्तुएँ मिल चुकी हैं। इनमें लकड़ी का विस्क (फेंटने वाला), समुद्री लड़ाकों के दस्ताने, मध्युगीन घोड़ों की नाल, ताम्र युग की स्की और कई तीर शामिल हैं। अलास्का, पूर्वी साइबेरिया और मंगोलिया में भी ऐसे अध्ययन हो रहे हैं। सबसे रोचक प्राप्ति हिम युग के एक मनुष्य की ममी (ऊट्ज़ी) है, जो ऑस्ट्रिया से लगी इटली की सीमा के पास पाई गई। पहले इसे किसी पर्वतारोही की लाश समझा गया था लेकिन बाद में पता चला कि यह करीब 5300 साल पुरानी ममी है। उसके अध्ययन से ताम्र युगीन मनुष्यों के जीवन, सामाजिक सम्बंधों और खान-पान के बारे में जानकारियाँ मिली हैं।

- न जो

(24 -09-2023 को Indian Express में प्रकाशित New York Times की एक रिपोर्ट के आधार पर) 

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