Wednesday, March 06, 2024

मार्क्वेज का अंतिम उपन्यास, प्रतीक्षा और विवाद

अपनी मृत्यु के दस वर्ष बाद इन दिनों गैब्रिएल गार्सिया मार्क्वेज अपनी कब्र में बेचैनी से करवट बदल रहे होंगे। जादुई यथार्थ के नाम से मशहूर लेखन शैली के लिए विश्वविख्यात यह कोलम्बियाई लेखक अपने जिस उपन्यास से असंतुष्ट होकर उसे प्रकाशित करने की बजाय नष्ट कर देने का निर्देश अपने बेटों को दे गए थे, वह इसी 12 मार्च को प्रकाशित होकर तीस देशों में एक साथ जारी किया जा रहा है।

अनटिल अगस्त’ (अगस्त तक) नाम के इस उपन्यास को पूरा करने के लिए मार्क्वेज अपने अंतिम वर्षों में काफी समय तक जूझते रहे थे। अंतत: इसे नष्ट करने को कह गए थे। इतने वर्ष बाद बेटों को लगा कि वह अच्छा उपन्यास है और उसे प्रकाशित किया जाना चाहिए। इस खबर से उनके साहित्य प्रेमी अत्यंत उत्सुक हैं कि उनके पसंदीदा लेखक का एक और उपन्यास पढ़ने को मिलने वाला है। दूसरी ओर बहुत से पाठक और आलोचक नाराज भी हैं क्योंकि इससे मार्क्वेज की प्रतिष्ठा को आघात लगने की सम्भावना है। क्या पता यह उपन्यास उनके स्तर का हो ही नहीं। वैसे, मार्क्वेज के कुछ भी लिखे को पढ़ने के लिए सभी लालायित लगते हैं।       

बीसवीं शताब्दी के सर्वाधिक चर्चित-सम्मानित लेखक गैब्रिएल गार्सिया मार्क्वेज अपने अंतिम वर्षों में स्मृति लोप का शिकार होने लगे थे। इसीलिए 'अनटिल अगस्त' को पूरा करने के लिए जूझते रहे थे। इसके कम से कम पांच प्रारूप उन्होंने तैयार किए, कई जगह काट-छांट की, जगह-जगह हाशिए पर टिप्पणियां दर्ज़ कीं, भाषा में परिवर्तन किए, अपने सहायक को नोट्स लिखवाए और आखिरकार असंतुष्ट होकर घोषित किया कि इसे प्रकाशित न किया जाए। मार्क्वेज के छोटे बेटे गोंज़ालो गार्सिया बार्खा के अनुसार उन्होंने मुझे इसे नष्ट कर देने को कहा था। 

2012 के आसपास जब मार्क्वेज इसे अंतिम रूप देना चाह रहे थे तब कभी वे किसी व्यक्ति को पहचान नहीं पाते थे, तो कभी अपनी ही पुरानी किसी किताब को इस तरह पढ़ते थे जैसे कि वह किसी और की रचना हो। अपने ही लिखे को भूल जाते थे। तब उन्होंने अपने बेटों से कहा था कि अपनी स्मृति के बिना मैं कुछ नहीं हूं। अब सब बेकार है। बड़े बेटे ने रॉड्रिगो गार्सिया कहते हैं कि वे अपने इस उपन्यास का मूल्यांकन करने की स्थिति में नहीं रह गए थे। इसकी कहानी भी उन्हें याद नहीं रह गई थी। 

'अनटिल अगस्त' की कहानी एना मेग्दालिना नाम की एक प्रौढ़ विवाहित महिला के बारे में है जो प्रत्येक वर्ष अगस्त मास में एक कैरीबियाई द्वीप में अपनी मां की कब्र पर श्रद्धांजलि देने जाती है। वहीं उसका एक व्यक्ति से प्रेम हो जाता है। अब वह प्रति वर्ष अगस्त महीने की प्रतीक्षा मां की समाधि पर जाने के अलावा अपने प्रेमी से मिलने के लिए भी करती है। यह एक स्त्री का वैवाहिक रिश्ते से बाहर अपने लिए प्रेम और स्वतंत्रता की तलाश की कथा है। उसके भीतर भीषण अतर्द्वंद्व मचा रहता है। कई बार वह मां की कब्र पर अपने विवाहेतर प्रेम को स्वीकार करने की चेष्टा भी करती है। बेटों के अनुसार इस उपन्यास में एक स्त्री को नायिका बनाकर मार्क्वेज ने नए ढंग का काम किया है।

2014 में 87 वर्ष की उम्र में मार्क्वेज का निधन हो गया था। 769 पेजों में फैली-बिखरी, कुछ असम्बद्ध प्रसंगों और दोहरावों भरी यह कहानी तब से भुला ही दी गई थी। दो साल पूर्व उनके बेटों ने इसे पिता की इच्छा के विपरीत प्रकाशित करने का फैसला कर डाला। अब इसे स्पेनी भाषा के अलावा अंग्रेजी में एक साथ तीस देशों में जारी किया जा रहा है। स्पेनी से अंग्रेजी अनुवाद एनी मैक्लीन ने किया है और यह मात्र 107 पृष्ठ का है। बेटों ने इसके पाठ में कुछ परिवर्तन भी किए हैं लेकिन वे कहते हैं कि 'कम से कम' बदलाव किया गया है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार उनके बेटे कहते हैं कि जब हमने इसे पढ़ा तो यह राय बनी कि मार्क्वेज अपने और इस उपन्यास के प्रति बहुत क्रूर हो गए थे। उन्होंने इसका सही आकलन नहीं किया या वे इस स्थिति में नहीं रह गए थे। हमने पाया कि यह काफी बेहतर उपन्यास है। यह अवश्य है कि 'लव इन द टाइम्स ऑफ कॉलरा' और 'वन हंड्रेड इयर्स ऑफ सॉलिट्यूड' जैसी शानदार कृतियों की श्रेणी का यह उपन्यास नहीं है लेकिन यह कहना भी गलत है कि इसे केवल धन कमाने के लिए प्रकाशित किया जा रहा है।

मार्क्वेज के उपन्यास दुनिया भर में प्रशंसित और चर्चित हैं। उनकी करोड़ों प्रतियां बिकती हैं। कुछ आलोचकों का कहना है कि इस उपन्यास को जिस तरह प्रचारित करके जारी किया जा रहा है, उसके पीछे व्यासायिक हित अधिक हैं। कुछ साहित्यिक आलोचक मानते हैं कि यह मार्क्वेज जैसे लेखक की छवि के साथ अन्याय है। वे अपनी रचानाओं के प्रति बहुत सतर्क रहते थे। अपनी किताबों के जो ड्राफ्ट वे रद्द कर देते थे, उन्हें रखने की बजाय नष्ट करा दिया करते थे ताकि कोई उन्हें देख न सके। इस उपन्यास को भी वे खारिज कर चुके थे। इसलिए उनकी मृत्यु के बाद और उनकी इच्छा के विपरीत इसे प्रकाशित करना अनैतिक है।

कोलम्बिया में मार्क्वेज का नाम बहुत सम्मान से लिया जाता है। वहां के करेंसी नोटों पर भी उनकी तस्वीर छपी हुई है। उनके प्रेमी उनका लिखा कुछ भी पढ़ने के लिए लालायित रहते हैं। अनटिल अगस्तकी भी बेसब्री से प्रतीक्षा हो रही है। उसकी प्री-पब्लिकेशन बुकिंगखूब धड़ल्ले से चल रही है। भारत में भी मार्क्वेज के इस उपन्यास को लेकर बहुत उत्सुकता बनी हुई है।

जिन कुछ पाठकों-लेखकों ने इसकी अग्रिम प्रतियां पढ़ ली हैं, वे अप्रसन्न नहीं हैं। यह भी पता चला है कि 1999 में मार्क्वेज ने मैड्रिड में हुए एक कार्यक्रम में इसके कुछ अंश पढ़े थे। उसमें प्रसिद्ध उपन्यासकार जोसे सारामागो भी उपस्थित थे। शायद लम्बे वे समय से इस पर काम कर रहे थे लेकिन फिर इसे छोड़कर अपने संस्मरणों की किताब और एक अन्य उपन्यास पूरा करने में लग गए थे। फिर जब इसकी बारी आई तब तक वे स्मृति लोप से ग्रसित होने लगे थे। उन्होंने अपने एक सम्पादक क्रिस्टोबल पेरा से इसे पूरा करने में सहायता भी मांगी थी और पेरा को इसके कुछ अंश पढ़ने को दिए थे। अन्यथा मार्क्वेज अपना लिखा प्रकाशित होने तक किसी को दिखाते नहीं थे। पेरा के अनुसार जो अंश उन्होंने पढ़े थे, उससे इच्छा हुई थी कि इसे पाठकों के समक्ष पहुंचना चाहिए। जब मैंने मार्क्वेज से कहा कि इसे प्रकाशित करवा दीजिए तो उन्होंने कहा था कि इस उम्र में मुझे कुछ और प्रकाशित करवाने की अवश्यकता नहीं है।

- न जो, 07 मार्च 2024

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